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सामाजिक सुरक्षा

इंदिरा गाँधी राष्ट्रीय वृद्धापेंशन योजना

राष्ट्रीय वृद्धापेंशन योजना 15 अगस्त 1995 से केन्द्र सरकार द्वारा प्रारम्भ किया गया। योजनान्तर्गत राज्य के सभी जिलों का लक्ष्य बी0 पी0 एल0 परिवारों की संख्या के आधार पर निर्धारित किया गया एवं तत्काल केन्द्रांश 75/- पचहत्तर रूपये एवं राज्यांश 25/–पचीस रूपये कुल एक सौ रूपये प्रतिमाह के दर से प्रति पेंशनधारी को पेंशन भुगतान किया जाता रहा है।

वर्ष 1998 में पेंशन राशि 200/– दो सौ रूपये के दर से केन्द्र सरकार द्वारा पेंशन भुगतान राज्य सरकार के माध्यम से किया जाता था।

वर्तमान 19 नवम्बर 2007 से इंदिरा गाँधी राष्ट्रीय वृद्धापेंशन योजना लागू किया गया। योजनान्तर्गत वर्ष 2002 के सर्वेक्षित बी0 पी0 एल0 परिवार के 65 वर्ष एवं अधिक आयु के सभी वृद्धों को केन्द्रांश 200/– दो सौ रूपैये एवं राज्यांश 200/–दो सौ रूपये कुल 400/- चार सौ रूपये के दर से मासिक पेंशन भुगतान पेंशनधारियों के बैंक खाता/डाकघर बचत खाता के माध्यम से किया जाता है। राज्य सरकार एवं केन्द्र सरकार द्वारा 50:50 अनुपात में व्यय होता है। योजनान्तर्गत जनजातीय उपयोजना एवं अनुसूचित जाति के विशेष अंगीभूत उप-योजना का अलग-अलग मद में राशि का व्यय किया जाता है।

इंदिरा गाँधी राष्ट्रीय विधवा पेंशन योजना

योजनान्तर्गत वर्ष 2002 में सर्वेक्षित बी0 पी0 एल0 परिवार के ग्रामीण/शहरी क्षेत्र के असहाय विधवा जिनकी आयु 40 वर्ष से 64 वर्ष के अन्तर्गत हों एवं वार्षिक आय 5000/- पाँच हजार रूपये ग्रामीण क्षेत्र में एवं 5500/- पाँच हजार पाँच सौ) शहरी क्षेत्र के अन्तर्गत हो। प्रत्येक विधवा को 400/- चार सौ रू0 मासिक पेंशन राशि भुगतान करने का प्रावधान है। केन्द्र प्रायोजित योजनान्तर्गत योग्य लाभुकों का चयन अंचल कार्यालय द्वारा किया जा रहा है। असहाय एवं निर्धन विधवा जो योजना के आहर्ता को पूर्ण करते है वे अपने अंचल कार्यालय में आवेदन देगें।

इंदिरा गाँधी राष्ट्रीय विकलांग पेंशन योजना

यह केन्द्र सरकार द्वारा प्रायोजित योजना है। योजनान्तर्गत वर्ष 2002 में सर्वेक्षित बी0 पी0 एल0 परिवार (ग्रामीण/शहरी) क्षेत्र के अत्यन्त विकलांग जिनका आयु 18 वर्ष से 64 वर्ष के अन्तर्गत हो एवं वार्षिक आय 5000/- पाँच हजार) के अन्तर्गत हो वैसे लाभूकों को 400/- चार सौ) रूपये मासिक पेंशन बैंक खातों/डाक घर बचत खाता के माध्यम से भुगतान करने का प्रावधान है। योजनान्तर्गत आहर्ता पूर्ण करते हैं वे अपने अंचल कार्यालय में आवेदन जमा कर सकते है।

राष्ट्रीय पारिवारिक लाभ योजना

योजनान्तर्गत गरीबी रेखा के अन्तर्गत जीवन यापन करने वाले परिवार के अर्जनकर्ता सदस्य जिनका आयु 18 वर्ष से अधिक एवं 65 वर्ष से कम हो प्राकृतिक कारण या दुर्घटना से मृत्यु होने पर मृतक के आश्रित को एक मुफ्त कुल 10,000/- दस हजार) रूपये अनुदान भुगतान किया जाता है। योजनान्तर्गत जनजातीय उपयोजना एवं अनुसूचित जाति के विशेष अंगीभूत उप योजनान्तर्गत अलग-अलग श्रेणी के लाभूकों को अनुदान भुगतान किया जाता है।

बन्धुआ मजदूरी प्रथम उन्मूलन एवं पुनर्वास योजना

बन्धुआ मजदूरी प्रथम उन्मूलन अधिनियम 1976 के अन्तर्गत किसी भी व्यक्ति को बन्धुआ मजदूरी के रूप् से कार्य कराना गैर कानूनी एवं दण्डनीय अपराध है। बन्धुआ मजदूर के रूप् में कार्य कराते हुए पाया जायगा तो ऐसे नियोजक के विरूद्ध जुर्माना एवं दंड की कार्रवाई किया जायगा। बशर्ते मालिक द्वारा किसी मजदूर को कार्य कराने हेतु बाध्य करता हो एवं मजदूर को स्वेच्छा से अन्यत्र कार्य करने नहीं देता एवं न्यूनतम मजदूरी भुगतान नहीं करता हो।

राज्य सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना

राज्य सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना वर्ष 1979 में राज्य सरकार द्वारा लागू किया गया एवं जिला के उपायुक्त को स्वीकृति एवं व्ययन पदाधिकारी अधिसूचित किया गया। पुनः सामाजिक सुरक्षा नियमावली 1983 सरकार द्वारा अधिसूचित किया गया। नियमावली के अन्तर्गत पेंशन स्वीकृति हेतु सभी अनुमण्डल पदाधिकारी को प्राधिकृत किया गया। योजना के प्रारम्भ से ही पेंशन राशि 30/- तीस रूपये मासिक के दर से पेंशन भुगतान किया जाता रहा। राष्ट्रीय वृद्धापेंशन योजनान्तर्गत पेंशन राशि में वृद्धि के साथ 15 अगस्त 1995 से 100/- एक सौ रूपये पुनः वर्ष 1998 से दो सौ रूपये योजनान्तर्गत असहाय एवं निर्धन वृद्ध विधवा विकलांग एवं मुक्त बन्धुआ मजदूर जिनका वार्षिक आय 5000/- पाँच हजार) रूपये ग्रामीण क्षेत्र एवं वार्षिक आय 5500/- पाँच हजार पाँच सौ) रूपये शहरी क्षेत्र में हो ऐसे व्यक्तियों को राज्य सरकार द्वारा 400/- चार सौ) रूपये नवम्बर 2007 से मासिक पेंशन भुगतान किया जाता है। बशर्ते वृद्ध (महिला/पुरूष) का आयु 60 वर्ष से अधिक हो। विधवा विकलांग एवं बन्धुआ मजदूरो के आयु सीमा में प्रतिबन्ध नहीं है। पेंशनधारियों के निकटतम बैंक खाता/डाकघर बचत खाता के माध्यम से मासिक पेंसन भुगतान किया जाता है।

आम आदमी बीमा योजना

ग्रामीण भूमिहीन मजदूर जिनका आयु 18 वर्ष से अधिक एवं 60 वर्ष से कम हो तथा वास की जमीन रहित 50 डिसमिल से अधिक जमीन नहीं हो परिवार के अर्जनकर्ता मुखिया का सरकार द्वारा मुफ्त बीमा किया जाता है। अंचल कार्यालय या हल्का कर्मचारी के पास उपलब्ध विहित प्रपत्र के सर्वेक्षण पत्र में नाम भरा जाता है। बीमा की राशि 200/- दो सौ) रूपये का केन्द्र सरकार एवं राज्य सरकार द्वारा 50:50 अनुपात में वहन किया जाता है। बीमित व्यक्ति के दुर्घटना से मृत्यु होने या दो अंगों का स्थायी अंग भंग होने पर 75,000/- पचहतर हजार) रूपये एक अंग स्थायी रूप से भंग होने पर 37,500/- सैंतिस हजार पाँच सौ) रूपये एवं स्वाभाविक मृत्यु होने पर 30,000/- तीस हजार) रूपये बीमा राशि भुगतान किया जाता है। बीमित व्यक्ति के दो पुत्र/पुत्री जो वर्ग 9वां से वर्ग 12वां में अध्ययन करते हैं तो उन्हें 100/- एक सौ) रूपये मासिक छात्रवृति भुगतान किया जाता है।

अन्तर्राज्यीय प्रवासी मजदूर कल्याण कार्यक्रम

अन्तर्राज्यीय प्रवासी अधिनियम 1979 एवं झारखण्ड राज्य प्रवासी मजदूर अधिनियम 2005 के प्रावधान के आलोक में 5 या अधिक मजदूरों को किसी नियोजक/ठेकेदार द्वारा राज्य के बाहर नियोजन हेतु ले जाने या राज्य के बाहर के 5 या 5 से अधिक मजदूरों को राज्य में नियोजित करने के लिए जिला के उपायुक्त से लाईसेन्स प्राप्त करना अनिवार्य है। नियोजन हेतु लाईसेंस के आवेदन में मजदूर को देय सुविधा का ब्यौरा देना है ताकि नियोजक द्वारा मजदूरों का शोषण नहीं हो एवं उचित मजदूरी भुगतान हो।

लाईसेंस (अनुज्ञप्ति) प्राप्ति के बिना नियोजन करने एवं अधिनियम 1979 के प्रावधान का उल्लंघन करना गैर कानूनी एवं दण्डनीय अपराध है अधिनियम के उल्लंघन करने पर कारावास एवं आर्थिक दंड का प्रावधान है।

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