कृषि
इस जिले के अधिकांश हिस्से जंगलों और पत्थरों से भरे पड़े हैं. खेती योग्य भूमि को दो भागों अर्थात्-ऊपरी भूमि और निचली भूमि में विभाजित किया जा सकता है । नदियों के किनारे स्थित भूमि उपजाऊ हैं । एक तो इन भूमि में उर्वरकों की कम मात्रा का उपयोग करने के बाद भी अच्छी फसल मिल सकती है । लेकिन ऊपरी भूमि बंजर है । इन जमीनों में खेती के लिए भारी मात्रा में उर्वरक और सिंचाई की आवश्यकता होती है । सामान्यत: रबी और खरीफ की फसलें यहां बोया जाता है ।
पहाड़ी क्षेत्र होने के कारण इस जिले में सिंचाई सुविधा पर्याप्त नहीं है । वहां छोटे प्राकृतिक ढोकर, जो आम तौर पर सिंचाई के लिए उपयोग किया जाता है । सिंचाई का कोई अन्य प्राकृतिक स्त्रोत नहीं है । आजादी के बाद सरकार ने कोशिश की है और अब भी सिंचाई की समस्या के समाधान की कोशिश हो रही है. सिंचाई के लिए कुओं और पम्प सेटों का उपयोग किया जाता है. दामोदर घाटी परियोजना भी इस क्षेत्र में सिंचाई के लिए होती है लेकिन ये उपाय पर्याप्त नहीं हैं. आम तौर पर किसान अपनी खेती के लिए बारिश पर निर्भर हैं ।
विवरण | डाउनलोड |
---|---|
भूगोल, प्रशासन & सुविधाएं | डाउनलोड (पीडीएफ 339 KB) |
हजारीबाग जिले के लोग | डाउनलोड (पीडीएफ 42 KB) |
हजारीबाग जिले में किसानों | डाउनलोड (पीडीएफ 16 KB) |
हजारीबाग जिले में भूमि उपयोग | डाउनलोड (पीडीएफ 17 KB) |
हजारीबाग जिले के प्राकृतिक संसाधन | डाउनलोड (पीडीएफ 28 KB) |
हजारीबाग जिले के मिट्टी प्रकार | डाउनलोड (पीडीएफ 1568 KB) |
हजारीबाग जिले में कृषि सहायता सेवाएं | डाउनलोड (पीडीएफ 25 KB) |
हजारीबाग जिले के उत्पादकता वितरण पैटर्न | डाउनलोड (पीडीएफ 22 KB) |
हजारीबाग जिले में जिला स्तरीय नियोजन उपकरण | डाउनलोड (पीडीएफ 144 KB) |
हजारीबाग जिले में जिला & ब्लॉक कृषि कार्यालयों की भूमिका | डाउनलोड (पीडीएफ 9 KB) |